Entrepreneur

Entrepreneur क्या हैं? Entrepreneurship कैसे होता हैं?

Entrepreneur  ये शब्द सुनने में उन युवाओं को काफ़ी अच्छा लगता हैं, जो अपने Ideas से समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं या फिर बड़े कारोबारी बनने का सपना देखते हैं, और हो भी क्यूँ ना! मगर Entreprenuer बनने के लिए कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्यूंकि अगर Ideas की बात करें तो सभी को अपने Ideas बहुत अच्छे और सफल लगते हैं, और इन्हीं चीजों की जल्दबाज़ी में बहुत लोग महत्वपूर्ण चीजों की अनदेखी करते हैं और बाद में उनके काम (Company) या तो बंद हो जाती हैं या फिर घाटे में चली जाती हैं और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं.

आप ये गलतियाँ ना करें और इन गलतियों से बचने का प्रयास करें, अगर आप एक सफल युवा कारोबारी या मुकेश अम्बानी (Revolutionary man) बनना चाहते हैं तो.

उदहरण के लिए इसे कुछ इस प्रकार समझते हैं,

1.       हमारे भारत की शिक्षा दर अभी भी काफ़ी कम हैं, और इसे सिर्फ मुफ़्त में शिक्षा उपलब्ध करवा के नहीं किया जा सकता, क्यूंकि अगर हम एक गरीब परिवार की बात करे तो, उन्हें और उनके छोटे बच्चों को सिर्फ यही पता हैं कि अगर जीवित रहना हैं, अपना जीवन यापन करना हैं तो उन्हें काम करना पड़ेगा जिससे वे कुछ धन अर्जित कर पाएंगे और इसके अलावा उन्हें कुछ भी पता. अगर आप उन्हें सिर्फ मुफ़्त में शिक्षा उपलब्ध भी करवाते हैं तो उन्हें पता हीं नहीं की उन्हें पढना क्यूँ हैं, उन बच्चों के परिजनों को भी ये सिर्फ़ समय की बर्बादी के तौर पर दिखेगा. इसीलिए सबसे पहले आपको उन्हें ये समझाना होगा की पढाई-लिखाई के फायदे क्या हैं. और बच्चों के पढने का खर्चा, भरण-पोषण का भी ख्याल आपको अपने तरफ से रखना होगा. इसके बदले आप अपने संस्थान या company के लिए क्या फायदा चाहेंगे, ये बाते आपको तय करनी होगी. इसके बाद होने वाले खर्चो के लिए आपको भुगतान करना पड़ेगा और ये चीज़ भी एक तरह का निवेश ही हैं आपके संस्थान/company के लिए.

2.       अब बात करते हैं मध्यम वर्ग के परिवार की, भारत में मध्यम वर्ग के परिवार बहुत हैं, वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा को दिलवाना चाहते हैं परन्तु उच्च स्कूलों में पढ़ाने का खर्चा वहन नहीं कर पाते हैं. इसीलिए उनकी पढाई तो होती हैं मगर सही से नहीं, उन्हें अलग से ट्यूशन आदि करने पड़ते हैं . ऐसे में आपके पास इसके समाधान का Idea हैं कि कैसे आप कम खर्च में अच्छी पढाई की सुविधा दे सकते हैं. और आप देख सकते हैं कि आपका Idea काफ़ी सफल हैं. ऐसे में कई बातों पर ध्यान देना काफ़ी जरुरी हैं, जैसे रिसर्च करना कि आप किस तरह की शिक्षा उपलब्ध कराना चाहते हैं, आपके customers  कौन हैं. उनको आप किस तरह की सुविधा (Service) दे रहे हैं, आपके काम करने का दायरा (market size) कितना बड़ा होगा, इन सारी सुविधाओ को मुफ़्त में या अन्य से कम खर्च में उपलब्ध करने के बदले आप क्या कीमत लेंगे या फिर बदले में आपको क्या फायदा होगा इत्यादि. क्यूंकि अगर आप कोई सुविधा मुफ़्त में दे रहे हैं तो वो सिर्फ आप customers को मुफ़्त में दे सकते हैं, लेकिन उसकी असल लागत का खर्च आपको या आपकी company को तत्काल उठानी पड़ेगी.  इसके लिए आपके पास शुरुवाती निवेश के लिए पूँजी होनी जरुरी हैं.

IDEA

आप किस प्रकार की company/संस्थान की शुरुवात करना चाहते हैं ये तय करना बहुत जरूरी हैं. और आपके Idea ऐसे होने चाहिए कि या तो वो ecosystem में आसानी से शामिल हो जाए या फिर नये ecosystem में सभी लोग आसानी से शामिल हो जाये. हमारे आस-पास की सभी चीज़े हमारे द्वारा बनाई गई ecosystem से जुड़ी हुई हैं. इसीलिए किस प्रकार की सेवा आप मुहैया करवाना चाहते हैं ये जरुर तय करें. उदाहरण के लिए,

आपने पूरे भारत में एक चीज़ सामान्य देखा होगा की यहाँ लोग चाय के दीवाने हैं. हर गली में एक चाय की दुकान जरुर हैं और चाय के दीवाने भी बहुत हैं, ऐसे में आप देख सकते हैं कि चाय पीने वाले तो बहुत हैं लेकिन चाय का स्वाद हर जगह अलग-अलग हैं, कहीं चाय में पानी ज्यादा हैं! कहीं चाय में चीनी ज्यादा हैं! तो कहीं चाय की पत्ती ज्यादा हैं चाय में! अब आपके पास चाय बनाने का हुनर हैं, आपने अच्छी चाय बना के बेचनी शुरू कर दी! प्रतियोगिता बहुत हैं, कुछ समय बाद आप सोचेंगे कि मैं चाय बेचता हूँ तो मुझे 5 kg चाय की पत्ती ख़रीदनी पड़ती हैं! और यहाँ बहुत से चाय बेचने वाले हैं. अगर सभी के यहाँ औसत 3 kg भी चायपत्ती बिकती हैं तो एक दिन में चायपत्ती की बिक्री बहुत होगी, सावधान ! आप यहाँ गलती कर देते हैं. जी हाँ! अगर आपने अच्छी चाय बनाकर बेचने की सोची हैं तो केवल यही करें! अपने शुरुवाती दौर में इन गलतियों से दूर रहे, तब हीं आप एक अच्छे Entrepreneur बन पाएंगे.

Pre-seed Funds

Pre-seen fund अर्थात, आपने Idea सोच लिया, आपने सारी बातो को ध्यान से करने, समझने के बाद अपने Idea को सफल करने का प्रयास करने लगे. आपने, अपने Idea को धरातल पर उतारना शुरू किया. याद रखिये की कोई भी सिर्फ आपको अपने Idea के आधार पर अपनी पूँजी नहीं देगा या कोई उसमें निवेश करेगा, इसके लिए आपके पास अपने खुद के रूपए होना बहुत जरूरी हैं, और कम से कम इतने रूपए की जब तक आपके शुरुवाती निवेश की पूँजी खत्म हो, आपकी company, revenue generate करना शुरू कर दे! यानी कि शुरुवाती कुछ महीनों तक की पूँजी, जिसमें आपके द्वारा शुरू की गई सेवा ecosystem में शामिल नहीं हो जाता!

आप pre-seed fund के लिए अपने परिवार, दोस्तों या खुद के रूपए हीं निवेश के लिए रखिये.

अगर आप कहीं job करते हैं, instagram चलाते-चलाते आपको कहीं motivation video या फिर कोई motivation वाली memes मिल गई तो ऐसा नहीं की अब job quit कर देना हैं और Entrepreneur बनकर अपना start-up शुरू करना हैं. आपके पास इतनी बचत हैं कि अगर आप अपना job quit भी कर दे अपने start-up के लिए और आपके दिनचर्या पर कोई प्रभाव ना पड़े, तब ही quit करिये अपने job को. और अपने job को quit करने से पहले जरुर देखे आपके Idea के सफ़ल होने के chances और आप कितने महीनों तक survive कर पाएंगे.

अगर ऐसा कुछ भी नहीं हैं तो बेहतर यही हैं कि अपना job quit ना करें.

Seed Funds

Seed Fund अर्थात, अपने Idea को आपने धरातल पर उतार दिया हैं. अपने product/service को आपने अब बाज़ार में Launch कर दिया हैं. customers आपके product/service को काफ़ी पसंद कर रहे हैं, बाज़ार से सकारात्मक परिणाम आने शुरू हो गये हैं. अब आपको जरूरत हैं बाहरी निवेश की. जिससे आप अपने product/service को बेहतर के साथ-साथ बड़े पैमाने पर उत्पादन/सेवा मुहैया कर सके. इसके लिए निवेश आपको Angel Investors से मिलेगा. Angel Investors उन्हें बोला जाता हैं जो company के शुरुवाती दौर में निवेश करते हैं, बदले में वे company की कुछ हिस्सेदारी (shares) खरीदते हैं. अगर आप चाहे तो वे आपको गाइडेंस भी कर सकते हैं और infrastructure provide करते हैं. Angel Investors से निवेश प्राप्त करने के लिए आपको convence करना होगा कि कैसे आप किसी और से बेहतर हैं, उनके सामने अपनी company के teammates की योग्यता, आपके product की quality, market से मिल रही positive result इत्यादि दिखाने होंगे. इन सब के बाद अगर उन्हें आपकी company में लाभ दिखेगा तब वे आपके company में कुछ हिस्सेदारी (shares) के बदले निवेश करेंगे.

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Part II में आपको इससे आगे की जानकारी मिलेगी.

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