इस वर्ष त्योहारों में घर के बहार क़दम रखते हुए कोई आशंकित है, तो कोई उत्साहित। पर ठहरिये, कहीं बाहर आने की छटपटाहट में ख़ुद को मुश्किल में मत डाल लीजिएगा। राज्य की सरकारों के लिए त्योहारों में हालत पर काबू रखना थोड़ा मुश्किल सा हैं, इस वर्ष लोगों की समझदारी पर सारे त्यौहार निर्भर हैं.

त्योहारों का मौसम चल रहा हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना का ख़तरा टल गया हैं।  अब भी फूँक -फूँक कर क़दम रखने की जरूरत है।  ग़ौर कीजिए ज़रा... 

 lockdown खुलने के बाद जीवन पटरी पर चल रही है। कुछ नियम अब भी हैं, लेकिन पहले जितने आज़ाद नहीं हैं। मास्क लगाकर ही घर से बाहर जाने की अनुमति मिली है। और अब तो त्योहारों का मौसम चल रहा हैं, अब तो हमे और भी सतर्क रहने की बारी हैं. बहार जाने की हड़बड़ाहट में हम ये ना भूल जाये की जानलेवा कोरोना वायरस का ख़तरा अभी टला नहीं हैं, कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है।  लिहाज़ा सावधानी उतनी ही बरतनी होगी, जितनी पहले से बरत रहे हैं।  मास्क लगाने और हाथों को धोते रहने के अलावा कुछ गलतियों से भी हमें बचना है।  चूँकि हमारी सुरक्षा अब हमारी भी ज़िम्मेदारी है।  घर में थे, तो कोरोना से सुरक्षित थे, लेकिन अब कदम-कदम पर संक्रमण का ख़तरा  मिलेगा, इसीलिए अपने रक्षक स्वं बनिए और अपने सुरक्षा के नियम भी खुद बनाइए। हालाँकि बीते कुछ दिनों में संक्रमण के मामले घटते जरुर दिख रहे हैं लेकिन सावधानी अब भी बहुत जरुरी हैं, क्यूंकि भारत में लगभग 130 करोड़ की आबादी हैं और ऐसे में आंकड़ो में कुछ भी कहना थोड़ा मुश्किल हैं. इसके मद्देनज़र कई प्रदेश की सरकारों ने इस वर्ष सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.

 

तैयारी के साथ निकलें 

 घर के बाहर निकलने से पहले सुरक्षा के कुछ इंतज़ाम अपने साथ रखिए। आप किसी दुकान पर ख़रीदारी करने जा रहे हो तब। कई बार अनजाने में मास्क पर हाथ लग जाता है या वो खिसक जाता है, तो ऐसे में आपके पास अतिरिक्त मास्क होगा।  इसी तरह दुकानों पर रखें साबुन या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करने के बजाय अपने साथ रखें इन सामानों के उपयोग को प्राथमिकता दें। और हां, एक सेट दस्ताने भी रखिएगा, क्यूंकि कुछ स्थानो पर दस्ताने पहनना अनिवार्य भी हो सकता हैं।  

 त्योहारों में ऑटो-रिक्शा, मेट्रो, ट्रैन व अन्य यातायात के साधन फिर से दौर पड़े हैं, इनमे सफर के दौरान सामाजिक दूरी का ध्यान स्वं आपको ही रखना है।  यहाँ तक की ख़ुद के चार पहिया वहां से सफर कर रहे हैं, तो दो लोगों से अधिक लोग ना हों। अगर बाज़ार या मंडी आदि में यदि दो या दो से अधिक लोग एक जगह हो तो वह भी अपनी सामाजिक दूरी का ख्याल आपको ख़ुद ऱखना है। यदि हर नागरिक अपनी सुरक्षा का ख्याल ख़ुद रखने लगे तो कोरोना से हम और भी जल्दी निपट सकते हैं. 

 

किसी भी रेस्त्रां, दुकान  या स्टॉल पर जाने से पहले सुनिश्चित करें कि वहां साफ-सफ़ाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो। यह भी सुनिश्चित के की भोजन परोसने वाला व्यक्ति मास्क और दस्ताने पहने, और नियमित रूप से अपने हाथ सैनिटाइज़ करें। और यह भी सुनिश्चित करे की वहां ज़्यादा लोग न हो, अगर उस जग़ह पर ज़्यादा लोग मौजूद है, तो वहां ना जाना ही बेहतर होगा। 

 

* दोस्तों, परिचितों या पड़ोसियों से अब भी दूर रहकर बातचीत करने का समय। 

* आंकड़ो को देख कर ये मत सोचिएगा कि कोरोना के मामले थमने लग गये हैं और कहीं भी आने-जानें के लिए दरवाज़े भी खुल गए हैं। 

   चाहे कोई कितना भी क़रीबी हो, फ़िलहाल आपको न उनके घर जाना है और ना किसी को घर आमंत्रित करना है। 

* यहाँ तक कि घर का काम आप ही को संभालना हैं, ये जान लीजिए। 

* काम का बोझ कम करने के लिए घरेलु कर्मचारियों को न बुलाएं, तो बेहतर। इससे वे भी सुरक्षित रहेंगे और आप भी। 

* चूँकि संक्रमण से बुज़ुर्गो को ज्यादा ख़तरा है, इसीलिए उनसे भी शारीरिक दूरी बनाए रखना है। 


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